वीर बजरंगी सेना
संगठन का परिचय
क्या जरूरत पड़ी वीर बजरंगी सेना की ?
आज हम किसी भी राज्य में भ्रमण करते या जाते हैं तो सभी जगह अव्यवस्था से आपका सामना होगा, कहने को देश में नियम ओर कानुन हैं लेकिन इसका फायदा कुछ चिन्हित लोगों को ही मिल पाता हैं। देश/राज्य में कार्यपालिका, न्यायपालिका और व्यवस्थापिका के अधीन प्रत्येक नागरिक है लेकिन System के आगे एक कठपुतली मात्र हैं। भारत देश की सबसे बड़ी न्यायिक संस्था माननीय सर्वोच्च न्यायालय है
जहाँ कागज का एक पेज निकालने के लिए सैकड़ों रूपया देना पड़ता है और वही पेपर किसी दूकान में हमें एक रूपया मंे मिल जाता हैं। आज विभिन्न न्यायालयों में करोड़ों मामले Pending में हैं, जिसका फैसला आते-आते युग बीत जाएँगें।
भारत की न्यायिक प्रक्रिया अच्छी है बस इसके नियमानुसार त्वरित Action होने लगे तो सारी कुव्यवस्थाएँ खत्म हो सकती हैं। इसे पर सरकार का ध्यानाकर्षण और Fast Proceding हमारा पहला लक्ष्य हैं।
आपने भारत का स्वर्णिम काल पड़ा होगा, राजा-महाराजाओं के किस्से पढ़े होंगे, भारत एक सपथ विश्वगुरू था और सोने की चिड़िया कहा जाता था, आजादी के समय 1947 में रूपया ओर डॉलर आ वैल्यु बराबर था
आज हम कितना पिछड़ गए? आधुनिकता हमें खा गई और हमें पता भी नहीं चला, आज हमारे धार्मिक ग्रंथ बक्से में सड़ रहे है नैतिकता का हास होता चला जा रहा है आज हम लक्ष्यहीन भटक रहे हैं, हमारे जिंदगी का उद्धेश्य बस परिवार तक सिमट कर रह गया है
यूँ कहंे हमारी जीवन शैली जानवरों जैसी होती चली जा रही है और अब यहाँ जंगल का नियम देखने को मिल रहा है, रूपये और पावर वाले लोग बदमाशों का बोलबाला हैं, नियम कानून सिर्फ गरीब/कमजोर के लिए है। आज राजनिति के माध्यम से समाज में बदलाव लाया जा सकता है लेकिन ताकतवर लोगों का भले ही कबजा है हमारा दूसरा लक्ष्य युवाओं को सक्रिय राजनीति में लाकर सदन में भेजना हैं।
इसके लिए हमें संघर्ष करना होगा, बलिदान देना होगा, वीर बजरंगी सेना रामभक्त हनुमान जी को अपना आदर्श मानते हुए चलेगी ओर इन्हें गुरू मानकर इस सेना की नींव रख रहे हैं हम हनुमान जी के विचार और कर्तव्य को अपनाते हुए कार्य करेंगे।